पटना। एनडीए नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा के खून की नदियां बहा देने वाले बयान की कड़ी आलोचना की है । उपेंद्र कुशवाहा कुछ समय पहले तक एनडीए में शामिल रही राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष हैं और इस बार बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल हैं।
कुशवाहा ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने अगर मतदान के परिणाम को प्रभावित करने की कोशिश करती है तो सड़कों पर खून बहेगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि एनडीए ने कुशवाहा के इस बयान की आलोचना करते हुए इसे महागठबंधन की खीज बताया है।
जनता दल यूनाइटेड यानि जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कुशवाहा को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया और कहा, “हम लोगों ने भी चूडियां नहीं पहनी हैं। खून बहाने की बात करते हैं। हम लोगों के शरीर में भी खून ही है। फरियाना है फरिया लें।”
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बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कुशवाहा की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों को लोकतंत्र में सही नहीं कहा जा सकता।
लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के चिराग पासवान ने कहा कि महागठबंधन एग्जिट पोल के बाद हताशा, निराशा, मायूसी में है। यही कारण है कि ऐसे बयान दिए जा रहे हैं, ऐसे बयानों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। ऐसे बयान कहीं से सही नहीं हैं ।
21 मई को ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने एक प्रेस कॉफ्रेंस की थी, जिसमें कुशवाहा ने कहा, “पहले मतदान केंद्र लूटा जाता था। अब बीजेपी एग्जिट पोल के परिणाम को शस्त्र बनाकर रिजल्ट लूटना चाहती है। ईवीएम को इधर-उधर किए जाने की बातें सामने आई हैं।”
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कुशवाहा ने आगे कहा, “वोट की रक्षा के लिए हथियार भी उठाना हो तो उठाइए। आज जो रिजल्ट लूट की कोशिश हो रही है, इसको रोकने के लिए हथियार भी उठाना हो तो उठाना चाहिए।”
उपेंद्र कुशवाहा ने इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान धमकी देते हुए कहा कि कि इससे सडकों पर खून की नदियां बहेंगी।
इस बयान के बाद बिहार की सियासत गर्मा गई है।
लोकसभा चुनाव 2019 की मतगणना 23 मई को होनी है। इससे पहले चुनाव के आखिरी चरण के बाद आए सभी एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनना तय बताया गया है। लगभग सभी एग्जिट पोल अकेले बीजेपी को दो-तिहाई बहुमत दे रहे हैं।