बात चाहे लड़कियों की शिक्षा की हो या फिर गांव में स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर के होने की, बात ऑर्गेनिक खेती को लेकर नए प्रयोग करने की हो या फिर अपने काम के क्षेत्र में नए और सकारात्मक प्रयोग करने की, मणिपुर के अधिकारी ने अपने दमखम पर अपने क्षेत्र में इतने बदलाव ला दिए कि उन्हें स्थानीय तौर पर मिरैकल मैन के नाम से जाना जाने लगा ।
हम बात आर्मस्ट्रॉन्ग पेम की कर रहे हैं जो मणिपुर के एक आईएएस अधिकारी हैं । पहली बार आर्मस्ट्रॉन्ग पेम तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने बिना सरकारी मदद के तकरीबन 100 किमी लंबी रोड बना दी थी । मणिपुर के तामेंगलांग में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए ऑर्मस्ट्रांग पेम के स्कूल के बच्चों को हर हफ्ते डिनर के लिए अपने सरकारी बंगले पर बुलाने की पहल ने भी काफी सुर्खियां बटोरी थीं ।
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गांवों में होने वाली मुश्किलों से हो चुके हैं रुबरू
आर्मस्ट्रांग पेम उन युवा अधिकारियों में से आते हैं जिनमें जोश है, सोच है और अपनी कोशिशों की बदौलत समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की इच्छा भी है । दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई कर चुके आर्मस्ट्रांग पेम नेगे जनजाति से ताल्लुक रखने वाले पहले आईएएस अधिकारी हैं । इन्होंने गांव और यहां सुविधाओं की कमी की वजह से आने वाली मुश्किलों को बहुत करीब से देखा है इसीलिए कलक्टर बनने के बाद से आर्मस्ट्रांग उन मुश्किलों को दूर करने में लगे हैं ।

Armstrong with children
स्थानीय कम्यूनिटी से जुड़कर ला रहे हैं बड़े बदलाव
तामेंगलांग में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए आर्मस्ट्रांग पेम ने इस जिले की तस्वीर ही बदल दी । स्कूल, अस्पताल, फुटबॉल ट्रेनिंग सेंटर की सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ साथ आर्मस्ट्रांग पेम ने यहां के किसानों को ऑर्गेनिक खेती की तरफ भी मोड़ा । एक अधिकारी के तौर पर अपनी ड्यूटी के अलावा आर्मस्ट्रांग पेम ग्लोबल शेपर्स कम्यूनिटी से भी जुड़े हुए हैं । फाउंडिंग क्यूरेटर के तौर पर आर्मसट्रांग ने इस कम्यूनिटी से इंजीनियर, आर्किटेक्ट, रिसर्च अनालिस्ट और युवा उद्यमियों को भी जोडा है । युवाओं का ये ग्रुप अलग- अलग क्षेत्रों में काम करता है । हाल ही में इस कम्यूनिटी ने पूरे मणिपुर में करीब 15 हज़ार पेड़ लगाए ।
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सोशल मीडिया का लेते हैं सहारा
आर्मस्ट्रांग पेम की इन कोशिशों को देखते हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने उन्हें 2018 के यंग ग्लोबल लीडर्स की सूची में भी शामिल किया है । आर्मस्ट्रांग मोस्ट एमीनेंट आईएएस अफसर का अवॉर्ड भी जीत चुके हैं । आर्मस्ट्रांग सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं । सरकार की तरफ से फंड नहीं मिलने पर सड़क बनवाने के लिए आर्मस्ट्रांग ने सोशल मीडिया का ही सहारा लिया था । फेसबुक पर अपील के ज़रिए आर्मस्ट्रांग ने तकरीबन 40 लाख रुपए जुटा लिए थे । अब भी आर्मस्ट्रांग सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है और अपने काम के बारे में बताते रहते हैं, साथ ही आर्मस्ट्रांग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले लोगों की तारीफ करने से भी नहीं हिचकते ।