नई दिल्ली । निर्वाचन आयोग ने बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती पर 48 और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटों तक लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का प्रचार करने पर रोक लगा दी है।
इन दोनों पर ये रोक 16 अप्रैल की सुबह 6 बजे से शुरू होगी। इन पर ये कार्रवाई आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर की गई है ।
मायावती ने सहारनपुर की रैली में मुसलमानों से एसपी-बीएसपी और आरएलडी गठबंधन को एकजुट होकर वोट करने को कहा था वहीं योगी ने मेरठ में ‘अली और बजरंगबली’ वाला बयान दिया था। योगी ने गाज़ियाबाद की रैली में भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ भी कहा था। इन दोनों के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की गई थी।
मुस्लिमों का वोट नहीं तो सहायता नहीं: मेनका
आयोग की तरफ से लगाई गई रोक के बाद योगी आदित्यनाथ के किसी भी सार्वजनिक बैठक, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियों, रोड शो करने, इंटरव्यू देने और इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, या फिर सोशल मीडिया में सार्वजनिक अभिव्यक्ति नहीं दे पाएंगे। 16 अप्रैल की सुबह छह बजे से अगले 72 घंटे तक योगी आदित्यनाथ पर रोक लगी रहेगी।
आयोग ने एक अलग आदेश में बीएसपी प्रमुख मायावती के चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे के लिए रोक लगा दी है और उनके बयान की कड़ी निंदा की है।
अली भी हमारे हैं और बजरंगबली भी : मायावती
आयोग ने 11 अप्रैल को मायावती और योगी, दोनों को आचार संहिता का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया था।
एक ओर जहां बीएसपी प्रमुख ने मुस्लिम समुदाय से एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट देने का आग्रह किया था, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को अली में विश्वास है, तो हमें ‘बजरंगबली’ पर विश्वास है।