पटना। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। राबड़ी देवी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जल्लाद’ हैं।
राष्ट्रीय जनता दल की अध्यक्ष और लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी से पत्रकारों ने प्रधानमंत्री की तुलना दुर्योधन से किए जाने पर प्रतिक्रिया मांगी थी। इसके जवाब में राबड़ी देवी ने कहा कि उन्हें ‘दुर्योधन’ कहा जाना गलत है क्योंकि वो ‘जल्लाद’ हैं ।
जो आदमी पत्रकार और जज को रातों-रात उठवा देता हो, उसका मन और विचार कैसा होगा यह विचारणीय विषय है। ये ख़ूँख़ार और ज़हरीली मानसिकता के लोग है। बिहार आकर भाषण बाँच रहे लोग जल्लाद है जल्लाद है। पीएम की स्तरहीन भाषा टिप्पणी करने लायक भी नहीं है। हार देख गुजराती जोड़ा बौखला गया है।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) May 8, 2019
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री की तुलना महाभारत के चरित्र दुर्योधन से की थी । इस बारे में सवाल पूछे जाने पर राबड़ी देवी ने कहा, “उन्होंने ‘दुर्योधन’ बोलकर गलत किया। दूसरी भाषा बोलनी चाहिए। वो सब तो जल्लाद हैं, जल्लाद। जो जज और पत्रकार को मरवा देते हैं, उठवा लेते हैं, ऐसे आदमी का मन और विचार कैसे होंगे, खूंखार होंगे।
बिहार में ‘करे के बा, लड़े के बा, जीते के बा’ जैसे नारे
राबड़ी देवी ने बीजेपी और जेडीयू के नेताओं पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। राबड़ी ने कहा, “प्रधानमंत्री जिस तरह की भाषा अपना रहे हैं। नाली के कीड़े हैं सब। जेडीयू और बीजेपी वाले सब नाली के कीड़े हैं। साल 2014 में वो विकास लेकर आए थे और देश का विनाश करके जा रहे हैं।”
इससे पहले राबड़ी देवी ने मंगलवार को इशारों ही इशारों में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को नरभक्षी कहा था।
बिहार आते ही तड़ीपार की जीभ दाँतों से बाहर निकल भटकने लगती है।नरभक्षियों को पता नहीं क्यों पाकिस्तान से प्यार है? बिहार में हार देख पाकिस्तान में पटाखे फोड़ने की बात करता है। 2015 में नीतीश के CM बनने की ख़ुशी में फोड़वा रहा था। बेशर्म लोग काम के नाम पर वोट क्यों नहीं माँगते?
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) May 6, 2019
राबड़ी ने ट्वीट किया था, “बिहार आते ही तड़ीपार की जीभ दांतों से बाहर निकलकर भटकने लगती है। नरभक्षियों को पता नहीं क्यों पाकिस्तान से प्यार है? बिहार में हार देख पाकिस्तान में पटाखे फोड़ने की बात करता है। 2015 में नीतीश के मुख्यमंत्री बनने की खुशी में फोड़वा रहा था। बेशर्म लोग काम के नाम पर वोट क्यों नहीं मांगते?”