नई दिल्ली । कोविड 19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का असर लगभग हर क्षेत्र पर पड़ रहा है। ऐसे में क्रेडिट रेटिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ इंडिया लिमिटेड यानि क्रिसिल ने विमानन क्षेत्र को भी भारी नुकसान का आकलन किया है । क्रिसिल की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक विमानन उद्योग को इस वित्तीय वर्ष में 24,000 से 25,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका सबसे अधिक 70 फीसदी प्रभाव एयरलाइंस पर पड़ेगा, जिससे 17,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। इसके बाद हवाईअड्डे के संचालक 5,000 से 5,500 करोड़ रुपये और हवाईअड्डे के खुदरा विक्रेता (खुदरा, खाद्य और पेय पदार्थ एवं शुल्क मुक्त) को 1,700 से 1,800 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना होगा।
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— CRISIL Limited (@CRISILLimited) May 8, 2020
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य विमानन केंद्रों जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता में यात्रा पर रोक लंबे समय तक जारी रही तो नुकसान बहुत अधिक होगा।
साथ ही कहा गया है कि विमानन क्षेत्र को पहले की तरह सामान्य हालात में पहुंचने में 18 से 24 महीनों का वक्त लग सकता है।
लॉकडाउऩ बढ़ा तो बढेगा नुकसान
सीआरआईएसआईएल इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी के निदेशक जगनारायण पद्मनाभन के मुताबिक, ये शुरुआती अनुमान हैं, और अगर लॉकडाउन पहली तिमाही से आगे बढ़ाया जाता है, तो कुल नुकसान और भी बढ़ सकता है।
सड़कों और राजमार्ग क्षेत्र के संबंध में रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इससे राजमार्ग डेवलपर्स/टोल ऑपरेटरों को मार्च-जून के दौरान 3,450 से 3,700 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा उठाना पड़ेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को इस अवधि में 2,100 से 2,200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
पद्मनाभन ने यह भी कहा है कि कोविड-19 के बाद पूरे विमानन क्षेत्र में कई ढांचागत बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कुछ विमान सेवा कंपनियों के विलय एवं अधिग्रहण की भी संभावना है। उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल विमान सेवा कंपनियां अपने बेड़े में विस्तार नहीं करेंगी।