नई दिल्ली। सुरक्षा की मांग को लेकर देशभर में डॉक्टर एकजुट हो गए हैं। कई राज्यों में डॉक्टर्स ने सांकेतिक हड़ताल शुरू कर दी है, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा है।

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दिल्ली में भी डॉक्टरों की सांकेतिक हड़ताल
देश की राजधानी के कई सरकारी अस्पतालों के सीनियर और जूनियर डॉक्टर पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में उतर आए हैं। इन्होंने प्रतीकात्मक हड़ताल कर दी है ।
अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, सभी आउट पेशेंट विभागों, रूटीन ऑपरेशन थिएटर सेवाओं और वार्ड विजिट्स को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
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एम्स और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सांकेतिक विरोध में अपने सिर पर पट्टियां बांधकर प्रदर्शन किया और सभी गैर-आपातकालीन सेवाओं को निलंबित कर दिया।
इस सांकेतिक हड़ताल का असर डायग्नोस्टिक सर्विसेज़ पर भी पड़ा है।
महाराष्ट्र में भी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित
दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र में डॉक्टर्स सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं। करीब 4,500 डॉक्टरों ने कोलकाता के अपने साथियों के समर्थन में एक दिन के प्रतीकात्मक हड़ताल की शुरुआत की है। महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) से संबद्ध डॉक्टरों ने राज्य के सभी 26 सरकारी अस्पतालों में मरीजों को देखना बंद कर दिया है।
एमएआरडी के महासचिव दीपक मुंडे के मुताबिक सभी डॉक्टर सुबह 8 बजे से 5 बजे तक अपनी सेवा बंद रखेंगे।
एमएआरडी के सदस्यों की तरफ से ऐसा ही प्रदर्शन पुणे, औरंगाबाद, नागपुर में भी किया जा रहा है, वह कोलकाता में अपने साथियों के लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
कोलकाता से शुरू हुई हड़ताल
डॉक्टर के प्रदर्शन की शुरुआत कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बेरहमी से मारपीट किए जाने के बाद हुई है। 75 साल के एक बुजुर्ग की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दो डॉक्टरों पर हमला किया गया था जिसके विरोध में पश्चिम बंगाल में मंगलवार से ही जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं।
मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर चिकित्सीय लापरवाही का आरोप लगाया था। मारपीट में एक ट्रेनी डॉक्टर परीबाहा मुखर्जी के सिर में गहरी चोट लगी है। उसे कोलकाता के पार्क सर्कस के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
बंगाल में हिंसा की निंदा करते हुए, एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने देश भर के सभी आरडीए के सदस्यों को प्रतीकात्मक हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी अपनी सभी राज्य की शाखाओं के सदस्यों से आज विरोध प्रदर्शन करने और काले बैज पहनने को कहा है।
हड़ताल को देखते हुए, एम्स ने भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए आकस्मिक उपाय किए हैं, जिनमें आईसीयू और वार्ड शामिल हैं।